Wednesday, September 9, 2009

09-09-09 नहीं 09-09-2009 है जनाब!

सितम्बर का महीना प्रारम्भ हुआ और ज्योतिषी,अंकशास्त्री,न्यूज चैनल तथा समाचार पत्रों ने इस महीने में पड़ने वाले तीन 9 को अपनी मर्जी से अनोखा योग प्रचारित कर अपनी अपनी रोटियां सेंकनी प्रारम्भ कर दीं। कमाल तो ये था कि कई कंपनियों ने तो इस योग के उपलक्ष्य में अनोखी स्कीमें जनता के सामने पेश की जिनमें बीएसएनएल भी शामिल है। सनसनी फैला कर पैसा और दर्शक जुटाना हमारे न्यूज चैनलों और फिल्मों का आजमाया हुआ सफल फार्मूला है। न्यूज चैनलों पर चलने वाले एक-एक घण्टे के कार्यक्रमों के डरावने शीर्षक इतने आकर्षक होते हैं कि दर्शक शीर्षक से संबंधित ‘‘कुछ खास’’ के चक्कर में टेलीविजन से चिपक जाते हैं परंतु सिर्फ विज्ञापनों को झेलकर समय बरबाद करने के अलावा कुछ हासिल नहीं होता। हद तो तब हो जाती है जब सनसनी फैलाने वाले कार्यक्रमों के शीर्षकों को सही साबित करने के लिये विषय विशेषज्ञों के जरिये गलतबयानी करवाई जाती है और न्यूज चैनलों पर दिखाये जाने वाले अपने मुखड़ों के लोभ में वे विशेषज्ञ भी जानबूझकर उन शीर्षकों को सच साबित करते तथ्य तोड़ मरोड़कर पेश करके अपने पेशे के साथ अन्याय करते हैं। शायद इसके पीछे उनकी सोच ये रहती है कि भारत की भोली भाली जनता कहां बारीकियां समझती है।

सितम्बर माह के प्रारम्भ में ही इंडिया टीवी द्वारा तिकड़ी की तिकड़म नामक कार्यक्रम पेश किया गया। आधार बनाया गया 9 सितम्बर 2009 को पड़ने वाली 9 की तिकड़ी को। ‘‘कहीं आपका नम्बर 9 तो नहीं’’ शीर्षक बार-बार दिखाकर 9 तारीख को पैदा होने वाले व्यक्तिों को डराया जा रहा था साथ ही सुप्रसिद्ध न्यूमेराॅलाॅजी विशेषज्ञ संजय जुमानी जी अपनी गणना करके ये बता रहे थे कि इस खास दिनांक का प्रभाव सभी मनुष्यों पर क्या होने वाला है। कार्यक्रम इस तरह पेश किया जा रहा था कि 9 दिनांक को पैदा होने वाले व्यक्तियों के लिये कुछ अनोखा होने वाला है प्रमाण के रूप में बार-बार पेश किया जा रहा था 09-09-09साथ ही ये बताया जा रहा था कि 9 सितम्बर को पडने वाले तिथि, माह एवं वर्ष के इस योग को कैसे भी योग किया जाये कुल 9 ही आने वाला था। जुमानी जी के चेहरे के भाव से ही स्पष्ट था कि इस कार्यक्रम के मूल में जो 999 दिखाया जा रहा था उसमें से छलपूर्वक अपने कार्यक्रम के शीर्षक को सही साबित करने के लिये 999 के बीच से जानबूझकर 2 गायब कर दिया गया था। परंतु वे यह सच दर्शकों के सामने कबूल नहीं कर सकते थे क्योंकि उनके ऐसा कहते ही इस कार्यक्रम का मतलब ही समाप्त हो जाना था।

देखिये - 9+9+9=27=2+7=9

ऊपर दिखाये जा रहे तीन 9 में तिथि, माह और वर्ष दिखाये गये हैं जो 9 सितम्बर 2009 के लिये हैं और इनका कुल योग भी 9 दिखाया गया है जबकि ये इस तरह हैं -
9+9+2+9=29=2+9=11=1+1=2

सितम्बर को कुल योग 29 और एकल अंक 2 आयेगा 9 नहीं। कमाल की बात ये है कि यह एक आम गणना है जो कि हर दस वर्ष बाद होती है इससे पहले 9 सितम्बर 1999 को भी यही गणना थी यदि इसमें से भी 1 गायब कर दिया जाये तो।

देखिये -9+9+999=45=9

अगर ऐसा कार्यक्रम बनाना ही है तो वह (संजय जुमानी जी, इंडिया टीवी, और 999 को बेवजह प्रचारित करने वाले जयोतिषी तथा अंकशास्त्री ध्यान से देख लें) 6991 वर्ष बाद बनेगा।

6991 वर्ष बाद तिथि,माह एवं वर्ष होगा 9 सितम्बर 9000 और उसको कहीं से भी जोड़ा जाये योग 9 ही आयेगा।

देखिये -9+9+9000=27=2+7=9

इस तिकड़ी के बाद इसी शताब्दी में तीन बार 9 की चैकड़ी भी बनेगी तिथि,माह एवं वर्ष होगा-9 सितम्बर 9009


9+9+9009=36=3+6=9

9 सितम्बर 9090


9+9+9090=36=3+6=9

9 सितम्बर 9099


9+9+9099=45=4+5=9

3 comments:

संगीता पुरी said...

सही कह रहे हैं आप .. इसी विषय को लेकर कल मैने भीएक आलेखलिखा है , कृपया नजर डालें !!

शरद कोकास said...

चलिये सही कार्य क्रम 6991 वर्ष बाद देख लेंगे ।

Rahul Singh said...

अब तो यूआईडी से सभी नाम संख्‍या-अंकों में ही तब्‍दील हो जाने वाले हैं.